इस प्रकार एक विशिष्ट प्रकाश क्वांटम का तल तक पहुँचने का बहुत कम अवसर प्राप्त होता है।
2.
इस प्रकार एक विशिष्ट प्रकाश क्वांटम का तल तक पहुँचने का बहुत कम अवसर प्राप्त होता है।
3.
अर्थात आइंस्टाइन ने सिद्ध कर दिया कि प्रकाश क्वांटम कणों का प्रवाह है, इन कणों को 'फोटान' कहते हैं. अर्थात प्रकाश किरण की स्थिति 'द्वैतमय' हो गयी-कण भी और तरंग भी, क्योंकि कोई भी एक मान्यता अर्थात तरंग या कण से प्रकाश के सभी व्यवहार समझ में नहीं आते.
4.
अर्थात आइंस्टाइन ने सिद्ध कर दिया कि प्रकाश क्वांटम कणों का प्रवाह है, इन कणों को ' फोटान ' कहते हैं. अर्थात प्रकाश किरण की स्थिति ' द्वैतमय ' हो गयी-कण भी और तरंग भी, क्योंकि कोई भी एक मान्यता अर्थात तरंग या कण से प्रकाश के सभी व्यवहार समझ में नहीं आते.